WHAT IS INDIAN PINAL CODE 302 DETAILS IN HINDI
भारतीय दंड संहिता 302
10/31/20251 min read


आईपीसी 302 भारतीय दंड संहिता की वह धारा है जो हत्या के लिए दंड से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि हत्या का दोषी पाए जाने पर किसी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी, तथा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह धारा हत्या के अपराध के लिए दंड का प्रावधान करती है, जिसे भारतीय दंड संहिता की धारा 300 के तहत परिभाषित किया गया है।
सज़ा:-संभावित दंड मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना है।
अपराध:- यह धारा दुर्भावनापूर्ण इरादे से किसी व्यक्ति की गैरकानूनी हत्या पर लागू होती है, जिसे हत्या कहा जाता है।
हत्या करना
सजा - मृत्यु दंड या आजीवन कारावास + आर्थिक दंड
यह एक गैर - जमानती , संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या के लिए दण्ड)
जिसने भी हत्या की है, उसे या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ - साथ जुर्माने की सजा दी जाएगी।
हत्या से संबंधित मामलों में न्यायालय के लिए विचार का प्राथमिक बिंदु अभियुक्त का इरादा और उद्देश्य है। यही कारण है कि यह महत्वपूर्ण है कि अभियुक्त का उद्देश्य और इरादा इस धारा के तहत मामलों में साबित हो।
यह एक गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है जो जिला एवं सेशन न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता करने योग्य नहीं है।
परिचय:-
हमें अक्सर सुनने और पढ़ने को मिलता है कि हत्या के मामले में अदालत ने आई. पी. सी. यानी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत मुजरिम को हत्या का दोषी पाया है, ऐसे में न्यायालय दोषी को मृत्यु दंड या फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाती है। फिर भी काफी लोगों को अभी भी धारा 302 के बारे में सही ज्ञान नहीं है, आइए चर्चा करते हैं कि क्या है भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302।गया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 कई मायनों में महत्वपूर्ण है। हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर इस धारा के तहत ही मुकदमा चलाया जाता है।
